A Simple Key For apsara sadhna Unveiled
A Simple Key For apsara sadhna Unveiled
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माँ बगलामुखी शत्रु विनाशक कवच – शत्रु बाधा, कोर्ट केस व तंत्र से सुरक्षा के लिए
This Sadhana must be performed for 11 days inside a row; in the event you break the Sadhana for even a single day, You need to restart it appropriate from the start.
कामेच्छी अप्सरा साधना परिचय- अमराबती स्वर्गलोक के देबराज इन्द्र की राजधानी का ऐश्वर्य बहाँ की १६,१०८ अप्सराओं की कृपा का प्रसाद कहा जाता है । इन १६,१०८ में से १०८ अप्सराएं तो इन्द्र भगबान ने बेदों की १०८ ऋचाओं की साधना करके स्वयं प्रकट की थीं । इन १०८ की नायिका मेंनका और रम्भा आदि हैं । नर नारायण की तपस्या से डरकर इन्द्रदेब ने रम्भा, मेंनका आदि १६ प्रमुख अप्सराएं भेजीं । तब नर ने क्षुब्ध होकर अपनी दायीं जंघा पर हथेली मारकर उर्बशी आदि १६००० अप्सराएं उत्पन्न करके इन्द्र के पास भेज दीं ।
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स्वर्गीय आनंद: अप्सराएं स्वर्गीय लोक में निवास करती हैं और उन्हें नित्य सुख और आनंद का अनुभव होता है। इससे वे अपनी शक्तियों को बढ़ाती हैं।
शास्त्रों more info में पवित्र नदियों के किनारे, पर्वतों, जंगलों, तीर्थ स्थलों, गुफाओं आदि को प्राथमिकता दी गई है। इन स्थलों पर मन स्वतः ही एकाग्र होने लगता है।
आत्म-समर्पण और सेवा: अप्सरा साधना में साधकों को आत्म-समर्पण और सेवा की भावना से प्रेरित किया जाता है। इसके माध्यम से साधक अप्सरा देवियों के संग संवाद करते हैं और उनसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं। सेवा के माध्यम से साधक अप्सरा देवियों की भक्ति का अनुभव करते हैं और उनके संग संवाद करने का अवसर प्राप्त करते हैं।
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इन चरणों का पालन करके साधक अप्सरा साधना को सिद्ध कर सकता है और आत्मा के उत्थान के लिए सहायक हो सकता है।
Sit in the tranquil place concerning 9pm to 5am and place 11 red roses before you being an supplying for the Apsara.
Repeat the above described method for 11 days. Be certain the roses are clean and new for every working day’s ritual.
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आत्मिक अशांति: अप्सरा साधना के अभ्यास में लगाव अत्यधिक होने पर, आत्मिक अशांति या मानसिक अस्थिरता का सामना किया जा सकता है।
इस अप्सरा की कामेच्छा कभी शांत नहीं होती सदैब यह कामपीडित बनी रहती है इसीलिए इसका नाम कामेच्छी पडा है। इसका अनुष्ठान सरल है । सोमबार के कमलधारिणी देबी का चित्र ले। एकान्त स्थान पर रात्रि में उक्त मंत्र से पूजा कर ७ दिन तक हकीक माला से ११००० जप करे तो देबी सिद्ध हो जाती है प्रभाब स्वयं पता चलता है ।